Thursday, 22 December 2016

VPN (Virtual Private Network) - in Hindi

VPN

आज हम VPN (वीपीएन) के बारे में चर्चा करेगें। VPN का मतलब Virtual Private Network होता है। इसका प्रयोग कौन और क्यों करता है? उदाहरण के लिए एक छोटी कम्पनी को लेते है । शुरुआत में इसका आफिस केवल एक शहर में होता है। लेकिन जैसे-जैसे इसका मुनाफा बढ़ता जाता है इसके आफिस दूसरे शहरों में खुलने लगते है। तब कम्पनी को जरूरत पड़ती है सभी आफिस को जोड़ने की, जिससे इसका कार्य सुचारू रूप से हो सके। इसी बात के ध्यान में रखकर VPN को बनाया गया। मुख्यतः इसका उपयोग कम्पनियाँ, शैक्षिणिक संस्थान, सरकारी संगठन आदि करते है।

VPN से दूर बैठे प्रयोगकर्ता (Remote user) को एक विश्वनीय एवं सुरक्षित कनेक्शन (Connection) प्रदान किया जाता है। इस तकनीक के प्रयोग से पब्लिक इण्टरनेट (Public internet) में एक प्राइवेट नेटवर्क (Private network) बनाया जाता है। इसके लिए सभी आफिस के बीच एक टनल लिंक (tunnel link) बनायी जाती है। टनल की मदद से ही डाटा का सुरक्षित आदान-प्रदान हो पाता है। डाटा के सुरक्षित आदान-प्रदान के लिए encryption तकनीक का प्रयोग करता है।

VPN के प्रयोग से प्रतिबंधित वेबसाइट (Blocked websites) को भी चलाया जा सकता है। इस कार्य के लिए बस IP address को hide करना पड़ेगा, जो कि VPN से संभव है।

VPN को बनाने के लिए कुछ प्रोटोकाल (Protocol) इस्तेमाल होते है, जो निम्नलिखित है-
1. IP Security (IPsec)
2. PPTP (Point to Point Tunneling Protocol)
3. L2TP (Layer to Tunneling Protocol)
4. DTLS (Datagram Transport Layer Security)
5. SSTP (Secure Socket Tunneling Protocol)
6. MPPE (Microsoft Point to Point Encryption)


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